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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 9
श्लोक
7.10.9
एवं विभीषणस्यापि स्वर्गस्थस्येव नन्दने।
दशवर्षसहस्राणि गतानि नियतात्मन:॥ ९॥
अनुवाद
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इस प्रकार, अपने मन को वश में रखने वाले विभीषण ने स्वर्ग के नंदनवन में निवास करने वाले देवताओं के समान ही सुख से दस हजार वर्ष बिताए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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