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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 35-36h
श्लोक
7.10.35-36h
इत्युक्त्वा कुम्भकर्णाय वरं दातुमवस्थितम्॥ ३५॥
प्रजापतिं सुरा: सर्वे वाक्यं प्राञ्जलयोऽब्रुवन्।
अनुवाद
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जब ब्रह्मा जी कुम्भकर्ण को वर देने के लिए तैयार हुए, तो सभी देवताओं ने हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना की-।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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