श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 10: रावण आदि की तपस्या और वर-प्राप्ति  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  7.10.21 
 
 
एवमुक्तस्तु धर्मात्मा दशग्रीवेण रक्षसा।
उवाच वचनं देव: सह देवै: पितामह:॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  धर्मात्मा राक्षस दशग्रीव के ऐसा कहने पर देवताओं सहित स्वयं भगवान् ब्रह्मा जी ने उत्तर दिया -।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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