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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 40
श्लोक
7.1.40
शक्रोऽपि विजितस्तेन कथं लब्धवरश्च स:।
कथं च बलवान् पुत्रो न पिता तस्य रावण:॥ ४०॥
अनुवाद
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रावण के पुत्र ने इंद्र को कैसे हराया? उसने कौन से वरदान प्राप्त किए? उसका पुत्र इतना बलशाली कैसे हो गया और उसका पिता रावण उतना बलशाली क्यों नहीं था?
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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