श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  7.1.28 
 
 
संख्ये तस्य न किंचित् तु रावणस्य पराभव:।
द्वन्द्वयुद्धमनुप्राप्तो दिष्टॺा ते रावणिर्हत:॥ २८॥
 
 
अनुवाद
 
  यद्ध में आपके द्वारा रावण का पराजय कोई बड़ी बात नहीं है, किन्तु द्वंद्व युद्ध में लक्ष्मण के द्वारा रावण के पुत्र इन्द्रजित का वध होना सबसे बड़ी आश्चर्य की बात है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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