श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.1.24 
 
 
कुम्भश्चैव निकुम्भश्च राक्षसौ भीमदर्शनौ।
दिष्टॺा तौ निहतौ राम कुम्भकर्णसुतौ मृधे॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  कुम्भकर्ण के दोनों बेटे कुम्भ और निकुम्भ दिखने में बहुत ही भयावह थे। किस्मत से राम जी के हाथों वे युद्ध में मारे गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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