यस्य प्रमाणाद् विपुलं प्रमाणं नेह विद्यते।
दिष्टॺा ते समरे राम कुम्भकर्णो निपातित:॥ २२॥
अनुवाद
श्रीराम! जिस विशाल शरीर वाले कुम्भकर्ण की ऊँचाई और स्थूलता से बढ़कर कोई दूसरा नहीं था, उसे भी समराङ्गण में आपने मार डाला, यह हमारे लिए अत्यंत शुभ और भाग्यशाली बात है।