श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  7.1.22 
 
 
यस्य प्रमाणाद् विपुलं प्रमाणं नेह विद्यते।
दिष्टॺा ते समरे राम कुम्भकर्णो निपातित:॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम! जिस विशाल शरीर वाले कुम्भकर्ण की ऊँचाई और स्थूलता से बढ़कर कोई दूसरा नहीं था, उसे भी समराङ्गण में आपने मार डाला, यह हमारे लिए अत्यंत शुभ और भाग्यशाली बात है।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.