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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न
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श्लोक 21
श्लोक
7.1.21
दिष्टॺा प्रहस्तो विकटो विरूपाक्षो महोदर:।
अकम्पनश्च दुर्धर्षो निहतास्ते निशाचरा:॥ २१॥
अनुवाद
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दिव्य दृष्टि से संपन्न महान योद्धाओ, ये महान समाचार है कि निशाचर प्रहस्त, विकट, विरूपाक्ष, महोदर और अकम्पन आपके साहस से मारे गये हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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