वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न
»
श्लोक 2
श्लोक
7.1.2
कौशिकोऽथ यवक्रीतो गार्ग्यो गालव एव च।
कण्वो मेधातिथे: पुत्र: पूर्वस्यां दिशि ये श्रिता:॥ २॥
अनुवाद
play_arrowpause
कौशिक, यवक्रीत, गार्ग्य, गालव तथा मेधातिथि के पुत्र कण्व जिन्होंने प्रमुख रूप से पूर्व दिशा में निवास किया था, वहाँ पहुँचे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.