नहि भार: स ते राम रावण: पुत्रपौत्रवान्।
सधनुस्त्वं हि लोकांस्त्रीन् विजयेथा न संशय:॥ १८॥
अनुवाद
श्री राम, रावण आपके जैसा वीर-सपूतों वाला न होकर केवल पुत्र-पौत्रवाला है और आपके लिए वह संकट उत्पन्न नहीं कर सकता। यदि आप बाण-धनुष लेकर खड़े हो जाएं तब तो तीनों लोकों पर आप विजय पा सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।