श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 1: श्रीराम के दरबार में महर्षियों का आगमन, उनके साथ उनकी बातचीत तथा श्रीराम के प्रश्न  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  7.1.12 
 
 
श्रुत्वा प्राप्तान् मुनींस्तांस्तु बालसूर्यसमप्रभान्।
प्रत्युवाच ततो द्वा:स्थं प्रवेशय यथासुखम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
  श्री रामचंद्रजी ने प्रातःकाल के सूर्य जैसे तेज से चमकते हुए मुनियों के आने का समाचार सुनकर द्वारपाल से कहा – "आप जाकर उन सभी लोगों को यहाँ आराम से ले आइए"।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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