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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 2: सुग्रीव का श्रीराम को उत्साह प्रदान
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श्लोक 22
श्लोक
6.2.22
इमे हि हरय: शूरा: समरे कामरूपिण:।
तानरीन् विधमिष्यन्ति शिलापादपवृष्टिभि:॥ २२॥
अनुवाद
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ये वानर युद्ध में बड़े वीर हैं और इच्छानुसार रूप धारण कर सकते हैं। वे उन शत्रुओं का संहार कर डालेंगे, जैसे कि पत्थरों और पेड़ों की वर्षा कर रहे हों।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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