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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 16: रावण के द्वारा विभीषण का तिरस्कार और विभीषण का भी उसे फटकारकर चल देना
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श्लोक 8
श्लोक
6.16.8
उपायमेते वक्ष्यन्ति ग्रहणे नात्र संशय:।
कृत्स्नाद् भयाज्ज्ञातिभयं कुकष्टं विहितं च न:॥ ८॥
अनुवाद
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“ये ही हमारे पकड़े जानेका उपाय बता देंगे, इसमें संशय नहीं; अत: सम्पूर्ण भयोंकी अपेक्षा हमें अपने जाति-भाइयोंसे प्राप्त होनेवाला भय ही अधिक कष्टदायक जान पड़ता है।”
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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