निशाचर! इस बात पर विचार करना कि जो ज्येष्ठ होने के कारण राज्य पाकर सबमें प्रधान हो गया हो, राज्य कार्य को अच्छी तरह चला रहा हो और विद्वान्, धर्मशील तथा शूरवीर हो, उसे भी कुटुम्बीजन अपमानित करते हैं और अवसर पाकर उसे नीचा दिखाने की भी चेष्टा करते हैं। इसी प्रकार से प्रधान, साधक, वैद्य और धर्मशील राक्षस को भी उसके कुटुंब के लोग अपमानित करते हैं और परिभव करते हैं।