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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 110: रावण की स्त्रियों का विलाप
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श्लोक 14
श्लोक
6.110.14
असुरेभ्य: सुरेभ्यो वा पन्नगेभ्योऽपि वा तथा।
भयं यो न विजानाति तस्येदं मानुषाद् भयम्॥ १४॥
अनुवाद
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देवता, राक्षस और नागों से निर्भय रहने वाले स्वयं ही मनुष्यों से भयभीत हो गए हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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