तुम उस दिव्य रस का पान करो, विहार करो और रमण करो। मनचाहा भोगोग और मैं तुम्हें धन-संपत्ति और पूरी पृथ्वी भी समर्पित करता हूँ। हे सुंदर स्त्री! तुम मेरे पास रहकर मनचाही वस्तुएँ प्राप्त करो और तुम्हारे निकट आकर तुम्हारे भाई-बहन भी इच्छानुसार सुखपूर्वक भोग प्राप्त करें।