श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 20: रावण का सीताजी को प्रलोभन  »  श्लोक 34
 
 
श्लोक  5.20.34 
 
 
न रामस्तपसा देवि न बलेन च विक्रमै:।
न धनेन मया तुल्यस्तेजसा यशसापि वा॥ ३४॥
 
 
अनुवाद
 
  देवी! राम मेरे समान नहीं हो सकते, न तपस्या से, न बल से, न शौर्य से, न धन से और न ही तेज या यश से।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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