श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 20: रावण का सीताजी को प्रलोभन  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  5.20.32 
 
 
मम ह्यसितकेशान्ते त्रैलोक्यप्रवरस्त्रिय:।
तास्त्वां परिचरिष्यन्ति श्रियमप्सरसो यथा॥ ३२॥
 
 
अनुवाद
 
  सुंदर काले बालों वाली देवी! जैसे अप्सराएँ देवी लक्ष्मी की सेवा करती हैं, वैसे ही तीनों लोकों की सबसे सुंदर स्त्रियाँ यहाँ आपकी सेवा करेंगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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