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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 15
श्लोक
5.20.15
यद् यत् पश्यामि ते गात्रं शीतांशुसदृशानने।
तस्मिंस्तस्मिन् पृथुश्रोणि चक्षुर्मम निबध्यते॥ १५॥
अनुवाद
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जैसा कि चंद्रमा के समान सुंदर मुखवाले और पतली कमर वाली युवती! मैं आपके शरीर के जिस-जिस अंग को देखता हूँ, उसमें मेरे नेत्र उलझ जाते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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