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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 12
श्लोक
4.7.12
ये शोकमनुवर्तन्ते न तेषां विद्यते सुखम्।
तेजश्च क्षीयते तेषां न त्वं शोचितुमर्हसि॥ १२॥
अनुवाद
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शोक का अनुसरण करने वालों को सुख नहीं मिलता है और उनका तेज भी क्षीण हो जाता है। अतः, हे अर्जुन, तुम्हें शोक नहीं करना चाहिए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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