श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 7: सुग्रीव का श्रीराम को समझाना तथा श्रीराम का सुग्रीव को उनकी कार्य सिद्धि का विश्वास दिलाना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  4.7.1 
 
 
एवमुक्तस्तु सुग्रीवो रामेणार्तेन वानर:।
अब्रवीत् प्राञ्जलिर्वाक्यं सबाष्पं बाष्पगद‍्गद:॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  जब श्रीराम ने शोकग्रस्त होकर यह बातें कहीं, तब वानरराज सुग्रीव की आँखों में आँसू भर आये और वे हाथ जोड़कर, आँसुओं से भरे गले से इस प्रकार बोले-।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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