श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 20: तारा का विलाप  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  4.20.23 
 
 
तस्या विलपितं श्रुत्वा वानर्य: सर्वतश्च ता:।
परिगृह्याङ्गदं दीना दु:खार्ता: प्रतिचुक्रुशु:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  तारा के विलाप को सुनकर अन्य वानरों की पत्नियाँ भी चारों दिशाओं से अंगद को पकड़कर दीन और दुःख से व्याकुल होकर जोर-जोर से क्रन्दन करने लगीं।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.