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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 21
श्लोक
4.20.21
सकामो भव सुग्रीव रुमां त्वं प्रतिपत्स्यसे।
भुङ्क्ष्व राज्यमनुद्विग्न: शस्तो भ्राता रिपुस्तव॥ २१॥
अनुवाद
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(अब सुग्रीव को सुनाकर कहने लगी—) सुग्रीव! तुम्हारा मनोरथ पूरा हो। तुम्हारे भाई, जिन्हें तुम अपना शत्रु मानते थे, मारे गए हैं। अब तुम निर्विघ्न राज्य का आनंद लो। तुम रुमा को भी प्राप्त कर लोगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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