अत्यंत भयभीत परन्तु अजेय वानर सुग्रीव के उस वचन का सम्मान करके और "बहुत अच्छा है" कहकर महापराक्रमी हनुमान जी तुरंत उस स्थान के लिए चल दिए जहाँ अतिशय शक्तिशाली श्रीराम और लक्ष्मण विराजमान थे।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये किष्किन्धाकाण्डे द्वितीय: सर्ग: ॥ २ ॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके किष्किन्धाकाण्डमें दूसरा सर्ग पूरा हुआ ॥ २ ॥