वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 93: सेना सहित भरत की चित्रकूट-यात्रा का वर्णन
»
श्लोक 24
श्लोक
2.93.24
तच्छ्रुत्वा भरतस्तेषां वचनं साधुसम्मतम्।
सैन्यानुवाच सर्वांस्तानमित्रबलमर्दन:॥ २४॥
अनुवाद
play_arrowpause
शत्रु सेना का नाश करने वाले भरत ने सब सैनिकों से कहा : उनकी बातें श्रेष्ठ पुरुषों के द्वारा मानने योग्य थीं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.