वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 93: सेना सहित भरत की चित्रकूट-यात्रा का वर्णन
»
श्लोक 23
श्लोक
2.93.23
अथ नात्र नरव्याघ्रौ राजपुत्रौ परंतपौ।
अन्ये रामोपमा: सन्ति व्यक्तमत्र तपस्विन:॥ २३॥
अनुवाद
play_arrowpause
यदि वीर योद्धा राजकुमार श्रीराम और लक्ष्मण यहाँ उपस्थित न हों तो भी श्रीराम-जैसे तेजस्वी गुणों से संपन्न अन्य तपस्वी अवश्य ही होंगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.