श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 89: भरत का सेना सहित गङ्गापार करके भरद्वाज के आश्रम पर जाना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  2.89.20 
 
 
नावश्चारुरुहुस्त्वन्ये प्लवैस्तेरुस्तथापरे।
अन्ये कुम्भघटैस्तेरुरन्ये तेरुश्च बाहुभि:॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  कई लोग नावों पर सवार थे, तो कई लोग बाँस और तिनकों से बने हुए बेड़ों पर थे। वहीँ कुछ लोग बड़े-बड़े घड़े लेकर, कुछ छोटे मटके और कुछ अपनी बाजुओं से तैरकर पार हो रहे थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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