यो मे भ्राता पिता बन्धुर्यस्य दासोऽस्मि सम्मत:।
तस्य मां शीघ्रमाख्याहि रामस्याक्लिष्टकर्मण:॥ ३२॥
अनुवाद
मैं अपने भाई, पिता और बन्धुओं से कहता हूँ कि मैं श्रीरामचंद्र जी के पास जा रहा हूँ, जो मेरे प्रिय स्वामी हैं और उनके पराक्रमी कार्यों को जानता हूँ। आप उन्हें शीघ्र ही मेरे आने की सूचना दे दें।