श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 70: दूतों का भरत को वसिष्ठजी का संदेश सुनाना, भरत का पिता आदि की कुशल पूछना, शत्रुघ्न के साथ अयोध्या की ओर प्रस्थान करना  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  2.70.7 
 
 
कच्चित् स कुशली राजा पिता दशरथो मम।
कच्चिदारोग्यता रामे लक्ष्मणे च महात्मनि॥ ७॥
 
 
अनुवाद
 
  क्या मेरे पिता महाराज दशरथ स्वस्थ और मंगलमय हैं? महात्मा श्रीराम और लक्ष्मण भी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं न?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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