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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 11-12
श्लोक
2.51.11-12
यो मन्त्रतपसा लब्धो विविधैश्च पराक्रमै:।
एको दशरथस्यैष पुत्र: सदृशलक्षण:॥ ११॥
अस्मिन् प्रव्रजिते राजा न चिरं वर्तयिष्यति।
विधवा मेदिनी नूनं क्षिप्रमेव भविष्यति॥ १२॥
अनुवाद
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श्रीराम के वन में चले जाने से राजा दशरथ अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएँगे। ऐसा लगता है कि पृथ्वी जल्द ही विधवा हो जाएगी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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