श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 43: महारानी कौसल्या का विलाप  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  2.43.7 
 
 
वने त्वदृष्टदु:खानां कैकेय्यनुमते त्वया।
त्यक्तानां वनवासाय कान्यावस्था भविष्यति॥ ७॥
 
 
अनुवाद
 
  हे राजा! जिन श्रीराम, लक्ष्मण और सीता ने जीवन में कभी दुख नहीं देखा था, आपने कैकेयी के कहने पर उन्हें वनवास भेज दिया। अब उन बेचारों का क्या हाल होगा, सिवाय वनवास के कष्ट भोगने के?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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