वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 43: महारानी कौसल्या का विलाप
»
श्लोक 19
श्लोक
2.43.19
नहि तावद्गुणैर्जुष्टं सर्वशास्त्रविशारदम्।
एकपुत्रा विना पुत्रमहं जीवितुमुत्सहे॥ १९॥
अनुवाद
play_arrowpause
ऐसे पुत्र के बिना जो अनेक गुणों और सभी शास्त्रों के ज्ञान से युक्त है, मैं एकलौती पुत्र वाली माँ जीवित नहीं रह सकती।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.