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श्लोक 16
श्लोक
2.43.16
कदा परिणतो बुद्धॺा वयसा चामरप्रभा:।
अभ्युपैष्यति धर्मात्मा सुवर्ष इव लालयन्॥ १६॥
अनुवाद
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श्री राम कब आएँगे और कब अपनी बुद्धि और आयु में पूर्ण होकर देवताओं के समान चमकते हुए वे यहाँ आएंगे और अपनी वर्षा से लोगों का पालन-पोषण करेंगे?
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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