वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 31: श्रीराम और लक्ष्मण का संवाद, श्रीराम की आज्ञा से लक्ष्मण का सुहृदों से पूछकर और दिव्य आयुध लाकर वनगमन के लिये तैयार होना
»
श्लोक 19
श्लोक
2.31.19
तवैव तेजसा वीर भरत: पूजयिष्यति।
कौसल्यां च सुमित्रां च प्रयतो नास्ति संशय:॥ १९॥
अनुवाद
play_arrowpause
वीर! तुम्हारे तेज से प्रेरित होकर भरत, अपनी माँ कौशल्या और सुमित्रा का श्रद्धापूर्वक पूजन करेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.