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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 3: राज्याभिषेक की तैयारी , राजा दशरथ का श्रीराम को राजनीति की बातें बताना
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श्लोक 38-39h
श्लोक
2.3.38-39h
स तं सुस्थितमाभाष्य पुत्रं पुत्रवतां वर:॥ ३८॥
उवाचेदं वचो राजा देवेन्द्रमिव कश्यप:।
अनुवाद
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जैसे देवराज इन्द्र को कश्यप बुलाते हैं, उसी प्रकार राजाओं में श्रेष्ठ संतान वाले राजा दशरथ सिंहासन पर विराजमान होकर अपने पुत्र श्रीराम से इस प्रकार बोले।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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