श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 3: राज्याभिषेक की तैयारी , राजा दशरथ का श्रीराम को राजनीति की बातें बताना  »  श्लोक 37-38h
 
 
श्लोक  2.3.37-38h 
 
 
तं पश्यमानो नृपतिस्तुतोष प्रियमात्मजम्॥ ३७॥
अलंकृतमिवात्मानमादर्शतलसंस्थितम्।
 
 
अनुवाद
 
  जैसे सुंदर वेशभूषा से अलंकृत हुए अपने ही प्रतिबिम्ब को दर्पण में देखकर मनुष्य को बहुत संतोष प्राप्त होता है, उसी प्रकार अपने शोभाशाली प्रिय पुत्र भगवान श्रीराम को देखकर राजा दशरथ बहुत प्रसन्न हुए।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.