श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 3: राज्याभिषेक की तैयारी , राजा दशरथ का श्रीराम को राजनीति की बातें बताना  »  श्लोक 34-35h
 
 
श्लोक  2.3.34-35h 
 
 
तस्मै चाभ्युद्यतं सम्यङ्मणिकाञ्चनभूषितम्॥ ३४॥
दिदेश राजा रुचिरं रामाय परमासनम्।
 
 
अनुवाद
 
  तब राजा ने उन श्रीरामचंद्रजी को उनके लिए पहले से ही तैयार किए गए सम्यक् रत्नजटित स्वर्णमंडित सुंदर सिंहासन पर बैठने का आदेश दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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