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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 15
श्लोक
2.3.15
सत्कृत्य द्विजमुख्यानां श्व: प्रभाते प्रदीयताम्।
घृतं दधि च लाजाश्च दक्षिणाश्चापि पुष्कला:॥ १५॥
अनुवाद
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कल प्रातःकाल को सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मणों का सम्मान करके उन्हें अन्न प्रदान करें, साथ ही घी, दही, खील और पर्याप्त दान भी दें।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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