लोकपालाश्च ते सर्वे वासवप्रमुखास्तथा।
ऋतव: षट् च ते सर्वे मासा: संवत्सरा: क्षपा:॥ ९॥
दिनानि च मुहूर्ताश्च स्वस्ति कुर्वन्तु ते सदा।
श्रुति: स्मृतिश्च धर्मश्च पातु त्वां पुत्र सर्वत:॥ १०॥
अनुवाद
सभी लोकपाल, जिनमें इंद्र भी शामिल हैं, छह ऋतुएँ, बारह महीने, वर्ष, रात, दिन और मुहूर्त हमेशा तुम्हारा कल्याण करें। बेटा! वेद, शास्त्र और धर्म भी हर तरफ से तुम्हारी रक्षा करें।