आगमास्ते शिवा: सन्तु सिध्यन्तु च पराक्रमा:।
सर्वसम्पत्तयो राम स्वस्तिमान् गच्छ पुत्रक॥ २१॥
अनुवाद
बेटा राम! मैं कामना करता हूँ कि तुम्हारी यात्रा मंगलमय हो। तुम्हारे पराक्रम सफल हों और जीवन में तुम्हें हर प्रकार की सम्पन्नता प्राप्त हो। पुत्र, तुम सकुशल यात्रा करो।