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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
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सर्ग 21: लक्ष्मण का श्रीराम को बलपूर्वक राज्य पर अधिकार कर लेने के लिये प्रेरित करना तथा श्रीराम का पिता की आज्ञा के पालन को ही धर्म बताना
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श्लोक 9
श्लोक
2.21.9
मया पार्श्वे सधनुषा तव गुप्तस्य राघव।
क: समर्थोऽधिकं कर्तुं कृतान्तस्येव तिष्ठत:॥ ९॥
अनुवाद
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रघुवीर! जब मैं आपके निकट रहकर धनुष लिए आपकी रक्षा कर रहा हूं और आप युद्ध में यमराज की तरह अ непоколебиम है, तो कौन ऐसा है जो आपसे बढ़कर वीरता दिखा सकता है?।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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