श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 21: लक्ष्मण का श्रीराम को बलपूर्वक राज्य पर अधिकार कर लेने के लिये प्रेरित करना तथा श्रीराम का पिता की आज्ञा के पालन को ही धर्म बताना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  2.21.1 
 
 
तथा तु विलपन्तीं तां कौसल्यां राममातरम्।
उवाच लक्ष्मणो दीनस्तत्कालसदृशं वच:॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  तथा उस प्रकार के विलाप करती हुई अपनी माता कौशल्या को देखकर अत्यंत दुखी लक्ष्मण ने उस समय के लायक बात कही।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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