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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 20: राजा दशरथ की अन्य रानियों का विलाप, श्रीराम का कौसल्याजी को अपने वनवास की बात बताना
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श्लोक 19
श्लोक
2.20.19
तां शुक्लक्षौमसंवीतां व्रतयोगेन कर्शिताम्।
तर्पयन्तीं ददर्शाद्भिर्देवतां वरवर्णिनीम्॥ १९॥
अनुवाद
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माता कौशल्या ने सफेद रंग की रेशमी साड़ी पहनी थी। वे व्रत करने के कारण दुर्बल हो गई थीं और इस अवस्था में वे इष्टदेवता का तर्पण कर रही थीं। तभी श्रीराम ने उन्हें देखा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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