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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
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सर्ग 18: श्रीराम का कैकेयी से पिता के चिन्तित होने का कारण पूछना,कैकेयी का कठोरतापूर्वक अपने माँगे हुए वरों का वृत्तान्त बताना
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श्लोक 4
श्लोक
2.18.4
तदपूर्वं नरपतेर्दृष्ट्वा रूपं भयावहम्।
रामोऽपि भयमापन्न: पदा स्पृष्ट्वेव पन्नगम्॥ ४॥
अनुवाद
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राजा का वह भयावह रूप देखकर श्रीराम भी घबरा गए, मानो किसी सांप को पैर से छू लिया हो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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