श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 18: श्रीराम का कैकेयी से पिता के चिन्तित होने का कारण पूछना,कैकेयी का कठोरतापूर्वक अपने माँगे हुए वरों का वृत्तान्त बताना  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  2.18.31 
 
 
तमार्जवसमायुक्तमनार्या सत्यवादिनम्।
उवाच रामं कैकेयी वचनं भृशदारुणम्॥ ३१॥
 
 
अनुवाद
 
  अत्यंत सरल स्वभाव वाले और सत्यवादी श्रीराम की बात सुनकर अनार्या कैकेयी के मुँह से अत्यंत कठोर वचन निकलने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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