वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 15: सुमन्त्र का राजा की आज्ञा से श्रीराम को बुलाने के लिये उनके महल में जाना
»
श्लोक 18
श्लोक
2.15.18
राज्ञ: सम्प्रतिबुद्धस्य चानागमनकारणम्।
इत्युक्त्वान्त:पुरद्वारमाजगाम पुराणवित्॥ १८॥
अनुवाद
play_arrowpause
सम्प्रति राजा जाग चुके हैं और जब तक वे स्वयं नहीं बुलाते तब तक बाहर न आने का आदेश दिया है। ऐसा कहकर पुराने इतिहास के ज्ञाता सुमन्त्र फिर अंतःपुर के द्वार पर लौट आए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.