श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 15: सुमन्त्र का राजा की आज्ञा से श्रीराम को बुलाने के लिये उनके महल में जाना  »  श्लोक 10-11h
 
 
श्लोक  2.15.10-11h 
 
 
चन्द्रमण्डलसंकाशमातपत्रं च पाण्डुरम्॥ १०॥
सज्जं द्युतिकरं श्रीमदभिषेकपुरस्सरम्।
 
 
अनुवाद
 
  चन्द्रमंडल के समान सुसज्जित श्वेत छत्र भी अभिषेक सामग्री के साथ शोभा पा रहा था। छत्र परम सुंदर और प्रकाश फैलाने वाला था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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