वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
»
सर्ग 12: महाराज दशरथ की चिन्ता, विलाप, कैकेयी को फटकारना, समझाना और उससे वैसा वर न माँगने के लिये अनुरोध करना
»
श्लोक 99
श्लोक
2.12.99
कस्येदं दारुणं वाक्यमेवंविधमपीरितम्।
रामस्यारण्यगमनं भरतस्याभिषेचनम्॥ ९९॥
अनुवाद
play_arrowpause
किसके कहने पर तूने श्रीराम के वनवास और भरत के राज्याभिषेक के बारे में इतना कठोर वाक्य कहा है?
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.