श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 110: वसिष्ठजी का ज्येष्ठ के ही राज्याभिषेक का औचित्य सिद्ध करना और श्रीराम से राज्य ग्रहण करने के लिये कहना  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  2.110.7 
 
 
यस्येयं प्रथमं दत्ता समृद्धा मनुना मही।
तमिक्ष्वाकुमयोध्यायां राजानं विद्धि पूर्वकम्॥ ७॥
 
 
अनुवाद
 
  मनु ने जिसको सर्वप्रथम पृथ्वी का समृद्धिशाली राज्य सौंपा था, उस राजा इक्ष्वाकु को अयोध्या का पहला राजा जानो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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