श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 11: कैकेयी का राजा को दो वरों का स्मरण दिलाकर भरत के लिये अभिषेक और राम के लिये चौदह वर्षों का वनवास माँगना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  2.11.19 
 
 
तत्र चापि मया देव यत् त्वं समभिरक्षित:।
जाग्रत्या यतमानायास्ततो मे प्रददौ वरौ॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  हे देव! जिस युद्धस्थल में मैने जागकर पूरी रात अनेकों प्रकार के प्रयास करके आपके प्राणों की रक्षा की थी, उससे संतुष्ट होकर आपने मुझे दो वर दिए थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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